गंगासागर पूर्वी भारत में सबसे बड़ा संगम है जहाँ लोग इस विश्वास के साथ दर्शन करने आते हैं कि पवित्र जल में डुबकी लगाने से उनके सार पाप धुल सकते हैं। यह विश्वास और आस्था हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को गंगासागर के तट पर ले आता है। इतनी बड़ी भीड़ की स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षा, संरक्षा और बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन जरूरी सुविधाओं को उपलब्ध करने के प्रयासों में जुटा हुआ है।

रात के समय पर्याप्त रोशनी का प्रबंध

गंगासागर तीर्थयात्रियों के लिए घर से दूर रहकर भी घर की तरह तभी बन सकता है जब उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। भारी भीड़ में महिलाएँ, बुजुर्ग और बच्चे लूटमार के शिकार हो जाते हैं। इसलिए, आगंतुकों को कोई खतरा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए, पूरी रात भरपूर रोशनी का प्रबंध किया जाएगा।

एटीएम

गंगासागर 2023 की तैयारी एक कठिन कार्य है, खास करके मुख्य भूमि से इसकी पहुँच दूर होने के कारण यह और भी कठिन हो उठता है। ऐसे मामलों में, आपातकालीन जरूरतों को पूरा कर पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, संकट की स्थितियों से निपटने के लिए मेला प्रांगण में एटीएम की स्थापना की जा रही है।

24/7 सीसीटीवी निगरानी

आस्था के सबसे बड़े मिलन को शांतिमय बनाने के लिए मेला प्रांगण की निरंतर निगरानी की आवश्यकता होती है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पूरे अंचल को 1150 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया है।

पेय जल

शुद्ध पेयजल पृथ्वी पर रहने वाले मानव की प्राथमिक जरूरतों में से एक है। प्रदूषित जल विभिन्न रोग-प्रकोपों ​​और जलवाही बीमारियों को साथ ले आता है। इसलिए, बेहतर पेयजल की खपत की जाँच कदम-कदम पर की जाती है। मेला प्रांगण में करीब 50 लाख पानी के पाउच बांटे जाएंगे।

गोताखोर

आपदा उत्पन्न होने की स्थिति में तुरंत कदम उठाने के लिए लगभग 2100 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों और गहरे पाने को गोताखोरों को तैनात किया जाएगा। महत्वपूर्ण स्थानों पर 25 फायर टेंडर के साथ 10 अस्थायी फायर स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी। 8 से 17 जनवरी 2023 तक तीर्थयात्रियों, सरकारी अधिकारियों, पुलिस, एनजीओ, परिवहन और मीडिया कर्मियों को प्रति व्यक्ति 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवरेज प्रदान किया जाएगा।

आपातकालीन आग निकासी सेवाएं

गंगासागर जैसे भक्ति के मेले में, मोक्ष का भागी बनने के लिए लाखों लोगों को सैलाब उमड़ पड़ता है। ऐसे में कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। इसलिए, ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एक टीम हमेशा तैयार रहती है। महत्वपूर्ण स्थानों पर 25 फायर टेंडर के साथ 10 अस्थायी फायर स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी। उचित प्रशिक्षण के साथ, आपातकालीन अग्नि निकासी सेवाओं की जाँच की जाती है।

निर्देशित पथ मार्ग

हॉगला हट्स

आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं

चिकित्सा शिविर

गंगासागर की भूमि में, जहाँ लाखों लोग, विशेष रूप से बुजुर्ग लोग मोक्ष की खोज में आते हैं, स्वास्थ्य देखभाल हमेशा से एक चिंता का विषय रहा है। इसे सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए प्रशासन ने 24/7 इंटेंसिव केयर यूनिट बनाई है। सागर और काकद्वीप क्षेत्र के आसपास कुल 300 शय्या वाली स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। वायु, जल और भूमि एंबुलेंस तैनात की जाएंगी।

तीर्थयात्री शेड

"अतिथि देवो भव", भारत में इसी विश्वास की परंपरा चली आ रही है। गंगासागर में तीर्थयात्री अतिथि हैं। उनके रहने के लिए सुरक्षित आश्रय प्रदान करना मेजबान का कर्तव्य होता है। इसलिए, मोक्ष की खोज में यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को मार्ग में होने वाली थकावट से आराम दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने विभिन्न तीर्थ शेडों का निर्माण किया है।

सार्वजनिक शौचालय

गंगासागर मेला का आयोजन करते समय तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ख्याल रखना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मकर संक्रांति के दौरान मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अस्थायी और स्थायी दोनों प्रकार के 10000 सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। 7 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट सक्रिय होंगी। कूड़े के संग्रह के लिए 30 ई-कार्ट की व्यवस्था की जाएगी।

हर प्रकार के सहयोग के लिए सागर बंधु

'ज़रूरत के समय काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है' ये पंक्तियाँ गंगासागर में भी उतनी ही सच साबित होती हैं जब आपकी मुलाकात 'सागर बंधु' से होती है। वह एक सहयोगी है जो हर तीर्थयात्री की जरूरत के समय मदद करेगा। इस साल भी सागर बंधु संभावित हादसों से निपटने के लिए लोगों का मार्गदर्शन करेंगे और आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेंगे।

स्वच्छता बनाए रखने के लिए स्वच्छता टीम

पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों की उपलब्धता

मोक्ष की तलाश में दिव्य परमात्मा के मार्ग पर चलने के लिए, व्यक्ति की अपनी आत्मा शुद्ध होनी चाहिए। हम खुद को तो साफ रखते हैं पर अपने आसपास के पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। इससे सर्वशक्तिमान के क्रोध का भाजन बनने और धरती के विनाश के अलावा कुछ नहीं होगा। इसलिए, दक्षिण 24 परगना के जिला प्रशासन ने प्लास्टिक के उपयोग को वर्जित किया है। इसके बदले, पर्यावर्ण के अनुकूल उत्पादों का वितरण किया जाएगा।

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