अभिनव दृष्टिकोण २०२३

गंगासागर २०२३ पहल

Gangasagar is a holy confluence where millions of devotees from the length and breadth of India pour down the banks of the Ganga to take a holy dip and eradicate sins during Makar Sankranti. It’s a herculean task for the Government of West Bengal and the district administration to comfort the massive number of pilgrims visiting Gangasagar. Thus, new initiatives are being introduced to give the safety of pilgrims the utmost priority.

ई-पूजा

पिछले दो सालों से ई-स्नान के बेहतरीन प्रयासों से सफल होकर, ई-पूजा 2022 में भी दिखाई दी। हर भक्त की ज़रूरत को पूरा करने के लिए, दक्षिण 24 परगना ने इस बेहतरीन पहल को तैयार किया। महानगर की दोपहर में ताज़ी हवा के झोंके की तरह, ई-पूजा सभी को राहत पहुँचाएगी कठिनाइयों से मुक्ति। यह कपिल मुनि के वैदिक आश्रम से लेकर उनके द्वार तक परोपकार प्राप्त करने का एक व्यक्तिगत तरीका है। गंगासागर के शांत तट पर शांति के मंत्रों का जाप करते हुए खुद को खोजने के लिए, आधिकारिक वेबसाइट पर ई-पूजा पृष्ठ पर जाएँ और अपने नाम और गोत्र के साथ पूजा बुक करें और न्यूनतम लागत का भुगतान करें। प्रसाद और आशीर्वादी फूल युक्त नाम-युक्त ई-पूजा पैक कपिल मुनि को एक उपकार के रूप में भेजा जाएगा। यह प्रतिमान-परिवर्तनकारी पहल उन धार्मिक आत्माओं के लिए एक संतुष्टिदायक वाइब की तरह है जो विश्वास के सबसे बड़े कार्य का हिस्सा बनने के लिए अंतहीन प्रतीक्षा कर रहे हैं। Read More

सागर संघरालय

गंगासागर, एक विशाल ऐतिहासिक खजाने का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं को सुनकर आस्था की भूमि के दर्शन के लिए आने वाले लोग, अगली पीढ़ी को इसके किस्से सुनाने और उनमें आस्था की ज्योति जगाने के लिए काफी नहीं हैं। इस भावना को और सुदृढ़ करने के लिए लिए प्रशासन ने धार्मिक परंपरा और संस्मरण को जिंदा रखने के उद्देश्य से सागर संग्रहालय बनाया है। एक ऐसी भावना जो भक्तों को गंगासागर मेले के समृद्ध इतिहास में लीन होने का एक अद्भुत व सुखद अवसर प्रदान करती है। अमूल्य रत्नों के एक खुले झरने की तरह, यह भक्तिपूर्ण सफर में महानतम अवगतियों को साथ ले जाने का एक सामूहिक स्थल है। यह संग्रहालय भक्ति की पावन भूमि पर पधारने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री के लिए खुला रहेगा। इस संग्रहालय में गंगासागर की ऐतिहासिक और पौराणिक घटनाओं का एक दुर्लभ संग्रह होगा, जिसे तीर्थयात्रियों के मनःमस्तिष्क में एक अमिट छाप छोड़ने के लिए वार्तालाप के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। Read More

बंधन

मन के धार्मिक भावों को मोहित करने वाला गंगासागर जैसा तीर्थ उन लाखों आत्माओं के लिए भरपूर तृप्ति का सफर है जो भक्ति के प्रारब्ध से जुड़कर मोक्ष पाने की यात्रा में शामिल होते हैं। हालांकि पवित्र संगम पर पापों के निवारण का विश्वास युगों से पिरोया गया है फिर भी वे अपनी यात्रा को विलक्षण बनाते हुए सुखद यादों के अथाह सागर के साथ लौटने की इच्छा रखते हैं। इस साल, जिला प्रशासन ने "बंधन" पहल की शुरुआत की है। तीर्थयात्रियों और सरकार के बीच के फासले को मिटाने का यह एक छोटा सा प्रयास है। यह एक स्वीकृति है जो भक्तों को हर बाधा पार करके सागर द्वीप तक पहुँचने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता है। कैमरा और यथा उपयुक्त सॉफ्टवेयर के साथ फोटो बूथ स्थापित किए जाएंगे। आध्यात्मिकता की भूमि पर पहुँचने वाले तीर्थयात्रियों को प्रशासन की ओर से तीर्थयात्री की तस्वीर से दर्शित व्यक्तिगत प्रमाण पत्र और एक प्यार भरा नोट भेंट की जाएगी। तीर्थयात्री इसे प्यार से एक यादगार धरोहर के रूप में अपने साथ रख पाएंगे। उनके मन में गंगासागर की एक खूबसूरत याद हमेशा के लिए बस जाएगी, जो उन्हें हर साल यहाँ वापस ले आएगी। Read More

ई-स्नान

ई-स्नान दक्षिण 24 परगना प्रशासन द्वारा शुरू किया गया एक अनूठा प्रयास है जो महामारी से उत्पन्न चुनौतियों पर काबू पाते हुए मेले को वैश्विक स्तर तक पहुँचाने की एक अभिनव पहल है जिसे साल 2020 में पहली बार शुरू किया गया था यानी उस समय जब कोविड 19 का उदय हुआ था, जिसने दुनिया की गतिशीलता को लम्बे समय के लिए रोक दिया था। हालांकि धरती लगातार बाधाओं से उबरने की कोशिश कर रही थी, पर ई-स्नान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह पहल या परिकल्पना गंगासागर न जा सकने वाले उन भक्तों को मौका देती है कि वे घर पर ही बैठकर मेले का असली आनंद उठा पाएं। अब, सभी ऑनलाइन बुक कर सकते हैं और गंगा जल, मिट्टी, प्रसाद और पुस्तिका से समृद्ध पवित्र पैक के साथ अपने घर से ही आराम से आध्यात्मिक यात्रा का सुख ले सकते हैं। Read More

सागर आरती

आरती समारोह के माध्यम से व्यक्ति का संपूर्ण अस्तित्व और भौतिक सृष्टि के सभी पहलू भगवान को प्रतीकात्मक रूप से अर्पित किए जाते हैं। यह अग्नि के वैदिक अनुष्ठान का वंशज है। मजबूत धार्मिक महत्व वाले हर भक्ति स्थल की तरह, आरती हमेशा से ही एक धड़कन रही है गंगासागर मेला भी सदियों से आस्था के प्रतीक के रूप में जाना जाता रहा है, जिसमें छोटी-छोटी बातों से लेकर बड़ी-बड़ी बातों तक की आस्था को दर्शाया गया है। यहां सदियों से चली आ रही कई परंपराओं और मान्यताओं को एक खूबसूरत गाथा में पिरोया गया है। यह एक ऐसा द्वार है जो लोगों को धर्म की सीमाओं से परे एक साथ लाता है। इस साल हमारी पारंपरिक गंगा आरती को पूरी तरह से नया रूप दिया जा रहा है। इस साल जिला प्रशासन इस पहल को एक कदम और आगे ले जाएगा। 12, 13 और 14 जनवरी 2023 को तीन दिनों तक चलने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला में आरती की जाएगी। दिव्य भूमि के शांत तटों के नीचे धामशा की ध्वनि गूंजेगी। ढाकों की थाप, लयबद्ध भजन, शंख की ध्वनि और लाखों लोगों की प्रार्थनाएं इस आयोजन को पहले से कहीं अधिक जीवंत और रंगीन बना देंगी। Read More

बंगाल के मंदिर

बंगाल को हमेशा से भक्ति की भूमि माना जाता रहा है। यहाँ लाखों लोगों की इच्छाएँ पूरी होती हैं और कई प्रार्थनाएँ सुनी जाती हैं। इसलिए, पश्चिम बंगाल और उसके आस-पास के राज्यों में तीर्थयात्री मोक्ष की खोज से पहले ‘सती पीठों’ (देवी सती के अवशेष रखने वाले मंदिर) और कई अन्य पवित्र स्थानों पर जाते हैं। इस साल, गंगासागर की धरती पर ही लाखों लोगों की इच्छाएँ पूरी होंगी। तीर्थयात्रियों को बंगाल के प्रतिष्ठित पवित्र मंदिरों जैसे कालीघाट, दक्षिणेश्वर, तारापीठ, तारकेश्वर और जोहुरा कालीबाड़ी की शांति का अनुभव करने का अवसर मिलेगा। गंगासागर बंगाल के प्रतिष्ठित पवित्र मंदिरों का जीवंत अवतार बन जाएगा। विशाल 3डी मॉडल आध्यात्मिकता की भावना पैदा करेंगे और सागरद्वीप को एक आकर्षक भूमि में बदल देंगे। Read More

ई-दर्शन

भारत एक ऐसा देश है जहाँ धार्मिक विविधताओं और रंग-बिरंगे त्योहारों को मनाया जाता है। उनमें से एक है गंगासागर मेला। यह संगम एक ऐसा स्थल है जहाँ दुनिया के विभिन्न स्थानों से तीर्थयात्री अपनी आत्मा को शुद्ध करने की उम्मीद के साथ यहाँ इकट्ठा होते हैं। कहने का अर्थ है मकर संक्रांति के दिन, गंगासागर पूरी दुनिया से सांस्कृतिक विविधताओं से जुड़ी अथाह भीड़ का परिचय देता है। कोविड 19 के कारण भक्तों से मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर चलने का अवसर छीन लेना एक घोर अन्याय से कम नहीं है। इसलिए, प्रशासन ने एक मास्टर प्लान बनाया और ई-दर्शन की शुरुआत हुई। यह एक विशेष पहल है जो आस्था के सबसे बड़े मिलन स्थल गंगासागर को उँगलियों के इशारों पर ले आया है। इस साल भी यह प्रयास जारी रहेगा। इसे विशेष रूप से उन तीर्थयात्रियों के लिए तैयार किया गया है जो चाह कर भी इस धार्मिक स्थल की यात्रा नहीं कर सकते थे लेकिन अब घर बैठे ही इस दिव्य यात्रा का अनुभव ले सकते हैं। गंगासागर वेबसाइट नए जमाने की इंटरएक्टिव मीडिया है जो मेला से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत करेगी और सीधे मेला ग्राउंड से इसका प्रसारण करेगी। एक निर्दिष्ट सोशल मीडिया पेज मेले की नवीनतम गतिविधियों और यादगार क्षणों को भी आपके सामने ले आएगा। Read More

निरीक्षण

गंगासागर जितना विशाल एक प्राचीन समागम, जहाँ पवित्र संगम के तटों पर लोगों की भीड़ का सैलाब आ जाता है, ऐसे में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के घटने की संभावना रहती है। इसलिए, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीसीटीवी निगरानी सबसे जरूरी उपकरण है। तीर्थयात्रियों की रियल टाइम ट्रैकिंग (वास्तविक समय में निगरानी) की जाएगी, जिसके लिए सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर 1150 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। एक एकीकृत नियंत्रण कक्ष के माध्यम से 20 ड्रोन-आधारित ट्रैकिंग और जीपीएस-निर्देशित इंटेलिजेंट क्राउड मॉनिटरिंग की जाएगी। नवान्न कंट्रोल रूम को लाइव फीड का प्रसारण भी प्रदान किया जाएगा। Read More

पिलग्रिम ट्रान्सपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम

गंगासागर जीवन का ही परिचायक है। अनिश्चितताओं से भरा, भाग्य और खतरों के सूत्र से बंधा, यह अभी भी प्रभावशाली रूप से अति सुंदर है और पवित्र जल में डुबकी लेने से मन में विश्वास की जो किरण प्रज्वलित होती है, वह आत्मा को शुद्ध करेगी और खोलेगी मोक्ष का द्वार। गंगासागर के महापुरुष अक्सर सागर द्वीप की यात्रा को खतरों से भरा बताते हैं जहाँ यात्री को कठोर भौतिक परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। साल 2022 में टेक्नोलॉजी के आगमन के साथ, अब मोक्ष की भूमि की यात्रा को पिलग्रिम ट्रान्सपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (पीटीएमएस) द्वारा मान्यता दी गई है। जनवरी की सर्द भरी, कोहरे वाली सुबह में शून्य दृश्यता वाले नेविगेशन चैनलों को पीटीएमएस द्वारा चिह्नित किया जाएगा। सभी जहाजों पर मौजूद जीपीएस ट्रैकिंग से डेटा का वास्तविक समय में विश्लेषण प्राप्त होगा जिससे सर्वाधिक उचित प्रकार से भीड़ का प्रबंधन सुनिश्चित होगा। पीटीएमएस की जीपीएस ट्रैकिंग द्वारा शांत-निर्मल तटों में सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाएगा। Read More

सागर प्रवचन

एक तीर्थ यात्रा तब तक अधूरी रहती है जब तक उसमें संतों के उपदेशों से अर्जित ज्ञान और प्रज्ञान के अनुभवों का समावेश नहीं होता है और गंगासागर इससे अछूता नहीं है। मानव जाति को मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त करने के लिए, इस तरह की और भी जागृति की खोज करने और ज्ञान के अभाव को पूरा करने के कर्मों से ही प्रवचन केंद्र का उदय हुआ है। यह दक्षिण 24 परगना के जिला अधिकारियों द्वारा शुरू किया गया एक आध्यात्मिक केंद्र है। यह तीर्थयात्रियों को तटों पर चिंतन-मनन का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है जो ध्यान और पाठ के माध्यम से एक वैदिक आश्रम की शांति और निर्मलता को उनके समक्ष प्रतिबिंबित करता है और उन्हें उनकी सांसारिक परेशानियों को पीछे छोड़ने में सहायक सिद्ध होता है। Read More

फ्री वाई-फाई जोन

मकर संक्रांति के दौरान पूरे भारत से तीर्थयात्री गंगासागर में एकत्रित होते हैं। वे मोक्ष की खोज में अपने पिछले पापों को नष्ट करने की मंशा से गंगासागर आते हैं। उन तीर्थयात्रियों के कल्याण और उनके परिवारों के साथ उनके संबंध पर नजर रखते हुए, गंगासागर में संचार व्यवस्था को अब 24/7 मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी के माध्यम से आसान बनाया गया है। 7 वाई-फाई जोन, वाई-फाई कॉलिंग और फ्री कॉलिंग जोन परेशानी मुक्त इंटर-कम्यूनिकेशन (अंतर-संचार व्यवस्था) सुनिश्चित करेंगे। Read More

पर्यावरण-अनुकूल मेला

मोक्ष की खोज में परमात्मा के दिव्य मार्ग पर चलने के लिए, व्यक्ति को अपनी आत्मा को शुद्ध करने की जरूरत है। हम खुद को तो साफ रखते हैं लेकिन अपने आसपास के वातावरण को प्रदूषित कर देते हैं। इस कृत्य से सर्वशक्तिमान के क्रोध का भाजन बनने और धरती के विनाश के अलावा कुछ नहीं होगा। इसलिए, दक्षिण 24 परगना के जिला प्रशासन ने बक्खाली विकास प्राधिकरण के साथ प्लास्टिक के उपयोग को वर्जित किया है। इसके बदले, उन्होंने साल 2023 में गंगासागर को पर्यावरण अनुकूल बनाने का संकल्प लिया है। पृथ्वी के अनुकूल सामानों का वितरण किया जाएगा। स्थानीय जनमानस द्वारा जागरूकता अभियान और प्रचार गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। हर कदम पर कूड़े के प्रबंधन की लगातार निगरानी रखी जाएगी। यथोचित रात्रिकालीन अपशिष्टों की निपटान व्यवस्था के साथ 10,000 से अधिक स्थायी और अर्ध-स्थायी शौचालयों की स्थापना की गई है। 7 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट सक्रिय होंगी। कूड़े एवं कचरे के संग्रह के लिए 30 ई-कार्ट का प्रबंध किया जाएगा। 3000 कर्मी झाडू लगाने और कूड़ा हटाने का दायित्व संभालेंगे। शांत-निर्मल भूमि को अंदर एवं बाहर से शुद्ध रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। Read More